तकलीफ भरा सच
तकलीफ भरा सच अक्सर जिन डिग्रियों से अच्छी शादी होने की उम्मीद अभिभावकों को आजकल होती है वहां अच्छी कमाई नही होती … और अक्सर जहां अच्छी कमाई होती है उन प्रोफेशन्स को समाज का बड़ा वर्ग शादी के लिए स्वीकारता नही हैं । लेकिन नजर घुमाइए और डायरी में इस देश के टॉप 20 प्रोफेशन / सेक्टकर के नाम लिखिये जिनमे अच्छी खासी कमाई है और फिर उनसे संबंधित 5 कॉलेज / इंस्टिट्यूट के नाम, जिनके आपने नाम सुने है लिखिये बेस्ट हैं या नही वो इग्नोर करिये गारंटी है पसीने छूट जाएंगे, और अगर लिख पाएं तो फ़ोटो खींच कर कमेंट बॉक्स में जरूर डालियेगा बिना गूगल की मदद से जो समझ गए उन्हें प्रणाम जो नही समझे लेकिन इस विषय को लेकर संजीदा है वो मुझ से मिल सकते हैं
क्या आप जानते हैं की किसी भी छोटे बिज़नस का बड़े बनने का सफर Operational Manual और Employee Manual के साथ बहुत Smooth हो जाता है ।
क्या आप जानते हैं की किसी भी छोटे बिज़नस का बड़े बनने का सफर Operational Manual और Employee Manual के साथ बहुत Smooth हो जाता है । Operational Manual की मदद से ही बड़ी MNC आपको अपनी कई ब्रांच / फ्रेंचाईजी होते हुए भी सभी जगह एक सी सुविधाएं दे पाती है एवं Employee Manual हर बार नए आने वाले Employees की ट्रेनिंग में लगने वाले समय की बचत करवाता है साथ ही एक ही प्रोफाइल पर कम कर रहे कई लोगों को समान अवसर और समान परिणाम के लिए भी मदद करता हैं । यह पूरी तरह से Customize होता है यानि जिसकी जैसी जरूरत उसी हिसाब से बनता है और लगातार Update होता रहता है। यदि आप खुद इसे बना सकते हैं तो बेहतर अथवा आप चाहें तो मेरी एवं मेरी टीम की भी मदद ले सकते है, किसी भी छोटे व्यवसाय में अगर आप बड़ी ग्रोथ का सपना देख रहे हैं तो यकीन मानिए यह दोनों आप के लिए क्रांतिकारी साबित होंगें ।
कहानी बहुत पुरानी है लेकिन एक बार फिर पढ़ें और कहानी के अंत में दिया गया मैसेज वर्तमान में अधिकांश पेरेंट्स के लिए है –
कहानी बहुत पुरानी है लेकिन एक बार फिर पढ़ें और कहानी के अंत में दिया गया मैसेज वर्तमान में अधिकांश पेरेंट्स के लिए है बहुत पुरानी बात है। किसी देश में एक बूढा व्यक्ति रहता था। वह काफी मेहनती था। खेतों में काम करके अपना गुजारा करता था। उसके तीन लड़के थे जो बड़े ही आलसी थे। उसकी आलस्य की वजह से बूढा और उसकी पत्नी काफी परेशान रहते थे। दोनों अपने लड़कों को समझने की कोशिश करते लेकिन तीनों अपने आलसीपन से बाज नहीं आए। एक दिन बूढा किसान चल बसा। बुढिया ने अपने बेटों को खेत पर जाने के लिए कहा, लेकिन वे गए नहीं। जब तक अनाज था बुढिया ने उनको बना –बना कर खिलाया आखिर में एक दिन घर का सारा अनाज ख़त्म हो गया। जब घर में एक भी दाना नहीं बचा तो बुढिया ने अपनों बेटों से काम धंधे के लिए कहा लेकिन वे तब भी नहीं गए। एक दिन सुबह बुढिया उठ कर रोने लगी। माँ को रोते देखकर उसके बेटों ने पूछा तो माँ ने बताया, “सपने में तुम्हारे पिता आए थे। उन्होंने बताया की यदि तुम लोग खेत में से गढ़ा हुआ धन निकल कर ले आओ तो हमारी गरीबी दूर हो सकती है।” “तो इसमें रोने की बात क्या है” लड़कों ने पूछा। बुढिया बोलो, “मै तो यह सोच कर रो रही हूँ कि अब खेत खोद कर कौन धन निकल कर लायेगा? किसी दूसरे से कह भी नहीं सकती हूँ, इसीलिए रो रही हूँ।” बुढिया की बात सुनकर तीनों बेटे खेत में जाकर जमीन खोदने लगे। तीनो बेटे एक ही जगह खुदाई कर रहे थे यह देखकर बुढिया ने कहा, “ धन खेत में कहीं भी हो सकता है इसलिए पूरे खेत की अच्छे से खुदाई करो। “पूरा खेत खुद जाने के बाद जब धन नहीं मिला तो तीनों बेटे नाराज हो गए। बुढिया ने कहा,” ठीक है सपने में तुम्हारे पिता आने पर मै उनसे इसकी शिकायत करूगी। जब खेत की खुदाई हो गई है तो क्यों न इसमें अनाज बो दिया जाए।” बेटों ने अनाज बो दिया। कुछ ही दिनों में खेत में फसल लहराने लगी। फसल काटने का वक्त आया तो एक दिन बुढिया फिर रोने लगी। बेटों ने पूछा, ”अब क्या हुआ ?“तेरे पिता सपने में आये थे कहने लगे फसल को काट कर बाज़ार में बेच कर आओ, तब उन्हें धन के बारे में बताएँगे।”बेटों ने धन के लालच में फसल काटकर बाज़ार में बेचने गए। फसल बेचने पर जब उन्हें धन मिला तो तीनों बेटे बहुत खुश हुए। उस दिन से तीनों ने आलस्य त्याग कर खेत में कम करने लगे। Final Words युवाओं को इस कहानी से अगर कुछ सीखना होगा तो वो सीख लेंगें लेकिन वर्तमान स्थिति के अनुसार अधिकांश पेरेंट्स को कहानी की बुढ़िया माँ बनने की जरूरत है, बच्चों को अपनी लड़ाई खुद लड़ने देने की पहल करना शुरू करिए वरुण सुराणा
How To Choose Right Stream After 10th
How To Choose Right Stream After 10th 10th मे select किया हुआ सब्जेक्ट आपकी पूरी जिंदगी के प्रमुख मंज़िलें तय करता है विशेष रूप से करियर संबधि, आम तौर पर मैंने 10th के बाद subject selection के वक्त दोस्त, पड़ोसी एवं रिशतेदारों की राय, टीचर्स की सलाह और सबसे खतरनाक (Result के हिसाब से Subject का selection) करते हुए कई लोगों को देखा है ! पर उसके बाद subject change करना , अपेक्षित सफलता न मिलना एवं और भी कई cases बहुत नजदीक से देखे हैं । यहाँ सबसे बड़ी बात जो ध्यान मे रखने लायक यह है की अभिभावक स्टूडेंट्स से 10th के exam result आने से पहले यह समझ लेवें (Point To Be Noted : समझ लेवें बजाय यह फरमान सुनाने के की हम तुम्हारा बुरा थोड़े ही सोचेंगे, देख आज उनका बेटा कहाँ है, उनकी बेटी ने यह कर लिया , और तू ये करेगी ?) की वो आखिर चाहते क्या है सफलता की परिभाषा उनकी नजर मे क्या है , सिर्फ शोहरत , सिर्फ इज्जत या शोहरत और इज्जत दोनों या work satisfaction (अब यहाँ जो लोग यह सोच रहे है की 10th के बच्चे क्या समझेंगे की सफलता क्या होती है क्या नहीं वो शायद आज कल के बच्चों को ठीक से जानते नहीं) । खैर इन सब के बाद जब भी आप किसी विशेष विषय का चयन करें तो स्कूल से अच्छी से समझ ले की इस विषय के बाद कोनसे कोर्स हो सकेंगे, उनकी फीस क्या होगी, आगे जॉब / बिज़नस मे क्या अवसर है … सफलता तो ठीक यदि असफल हो गया तो कौनसे दूसरे option होंगे , पिछले 5 सालों मे xyz कोर्स करने वालों के क्या हाल चल रहे ? जो टॉप तक पहुंचे उनका तो ठीक बचे हुए स्टूडेंट्स का क्या हुआ (यहां नोट करने वाली बात यह है की हर अभिभावक अपने बच्चों से यही कहते है की मेहनत करो सब संभव है, मै भी इस बात से सहमत हूँ लेकिन बिना मन के कैसे मेहनत हो सकती है ?) जरूरत पड़ने पर किसी प्रोफेशनल की मदद लेने मे किसी प्रकार का संकोच न रखें । किसी भी जगह जाने से पहले यह पता कर लेवें की मंजिल क्या होगी ओर बीच मे कोन कोन से उतार चढ़ाव आएंगे ऐसा ना हो की बीच मे ही रास्ता बदलना पड जाए या 5 साल बाद आप अफसोस करें की काश उस वक्त थोड़ा ओर सोच लिया होता । Subject का Selection सिर्फ ओर सिर्फ स्टूडेंट्स की रुचि, आगे मिलने वाले अवसर आपकी अपेक्षा से मेल खाते हुए ओर आपके बजट के अनुसार है या नहीं यह जाँचने के बाद ही करें और यह जानकारी बिलकुल उसी तरह लेवें जैसे आप मेडिकल ओपिनियन लेते है, क्योंकि जिंदगी के लिए यह भी जरूरी है वरुण सुराणा